Poezie de Santosh Kumar Pokharel, Nepal

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शब्द निशब्द
- ई. सन्तोष कुमार पोखरेल
शब्द है सरगम
हर सुबह शबनम
साँवरी दिल में सुकूं दे
जो भुलादे गम ||१||
नयन में रमझम
बदन में यौवन
सासोँ में शोलें दबे हैं
अंगों में तपकन ||२||
शब्द है हमदम
हर जगह हर दम
बावरी दिल को लुभाती
क्या करें अब हम ? ||३||
शब्द की है धून
मन में है गुनगुन
जिन्दगी गाती तरानें
है यही मजबून ||४||
क्यो नुमाइस है?
आजमाइस है
जिन्दगी जी कर गये जो
उनकी ख्वाहीश है ||५||
सोचना है क्या ?
मन तूं क्यों भरमा ?
लो चलो दिदार तेरा
हो गया मरहम ||६||
२८ मे २०१८

 

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